90,000 से अधिक करदाताओं को जारी किए गए अवैध नोटिस फिर से कानूनी हो गए
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
अहमदाबाद : शीर्ष अदालत ने फैसला सुनाया है कि 1 अप्रैल, 2021 के बाद आयकर अधिकारियों द्वारा निरस्त की गई धारा 148 के तहत पुनर्मूल्यांकन के हिस्से के रूप में जारी किसी भी नोटिस को नई धारा 148 (कैपिटल-ए) के तहत माना जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने देखा है कि आयकर विभाग की मंशा वाजिब है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के परिणामस्वरूप नोट बंद होने के समय छापेमारी और सर्वेक्षण के मामले और छापेमारी और सर्वेक्षण के दौरान प्राप्त जानकारी के आधार पर मामले फिर से जीवंत हो गए हैं।
इसके अलावा, निरस्त खंड के तहत 90,000 से अधिक करदाताओं को जारी किए गए अवैध नोटिस कानूनी हो गए हैं। गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2021-22 के वित्तीय विधेयक में केंद्र सरकार द्वारा आयकर अधिनियम की धारा 148 को निरस्त कर दिया गया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने संसद में वित्त अधिनियम-2021 को मंजूरी देते हुए पुरानी धारा 148 को निरस्त करते हुए इसकी जगह एक नई धारा 148 (कैपिटल-ए) पेश की। जिसके चलते यह धारा लागू हो गई। हालांकि 1 अप्रैल 2021 से 30 जून 2021 तक इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने देशभर के करीब 90,000 टैक्सपेयर्स को नोटिस भेजे थे। देश के पांच उच्च न्यायालयों (इलाहाबाद, दिल्ली, मुंबई, राजस्थान, कोलकाता) में लगभग 9,000 करदाताओं ने इसके खिलाफ याचिकाएं दायर की हैं।
(जी.एन.एस)